नवीन जिंदल पर जूता फेंकना क्या उचित है। शिक्षक महोदय ने जो काम किया क्या ये सही है, अग शिक्षक ऐसा आचरण करेगा तो वो छात्रों को क्या शिक्षा देगा और अगर उसी की बात को मानें की कांग्रेस ने उसके बेटे को नौकरी से हटाया है, तो क्या नविन जिंदल ने कहा था कि चौटाला के लगाए हुए लोगों को नोकरी से हटा दो।
यह वही नवीन जिंदल हैं जिन्होंने देश में झंडे के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ी और पूरे देश के लोगों को अपने घरों और दफ्तरों पर झंडा लगाने का हक दिलवाया। नवीन जिंदल का जिंदल स्टील में मालिकाना हक भी है और वह देश के उभरते हुए युवा नेता माने जाते हैं।
और जिन्होने जुता फेंका, पुलिस का कहना है कि ये महासय "रिटायर्ड प्रिंसिपल" राम कुमार शराब के नशे में धुत्त थे।
और मेरे ख्याल से विरोध ही जताना है तो अपने वोट के अधिकार का प्रयोग कर अच्छे और सच्चे नेता को चुनें, भले वो किसी भी पार्टी का हो...
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1 टिप्पणी:
यदि ऐसे ही जूते फिंकते-फिंकवाते रहे, तो जूते पहनने का अधिकार ही छिन जायेगा! संसद में प्रस्ताव पारित करके सभी जूते की दुकानें बंद कर दी जायेंगी, और फिर जो होगा, वह आप जानते ही हैं! :)
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